अल-अस्र
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
وَالْعَصْرِ1
गवाह है गुज़रता समय,
إِنَّ الْإِنْسَانَ لَفِي خُسْرٍ2
कि वास्तव में मनुष्य घाटे में है,
إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ3
सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और अच्छे कर्म किए और एक-दूसरे को हक़ की ताकीद की, और एक-दूसरे को धैर्य की ताकीद की
अल-हुमज़ा
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
وَيْلٌ لِكُلِّ هُمَزَةٍ لُمَزَةٍ1
तबाही है हर कचो के लगानेवाले, ऐब निकालनेवाले के लिए,
الَّذِي جَمَعَ مَالًا وَعَدَّدَهُ2
जो माल इकट्ठा करता और उसे गिनता रहा
يَحْسَبُ أَنَّ مَالَهُ أَخْلَدَهُ3
समझता है कि उसके माल ने उसे अमर कर दिया
كَلَّا ۖ لَيُنْبَذَنَّ فِي الْحُطَمَةِ4
कदापि नहीं, वह चूर-चूर कर देनेवाली में फेंक दिया जाएगा,
وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْحُطَمَةُ5
और तुम्हें क्या मालूम कि वह चूर-चूर कर देनेवाली क्या है?
نَارُ اللَّهِ الْمُوقَدَةُ6
वह अल्लाह की दहकाई हुई आग है,
الَّتِي تَطَّلِعُ عَلَى الْأَفْئِدَةِ7
जो झाँक लेती है दिलों को
إِنَّهَا عَلَيْهِمْ مُؤْصَدَةٌ8
वह उनपर ढाँककर बन्द कर दी गई होगी,
فِي عَمَدٍ مُمَدَّدَةٍ9
लम्बे-लम्बे स्तम्भों में
अल-फ़ील
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
أَلَمْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِأَصْحَابِ الْفِيلِ1
क्या तुमने देखा नहीं कि तुम्हारे रब ने हाथीवालों के साथ कैसा बरताव किया?
أَلَمْ يَجْعَلْ كَيْدَهُمْ فِي تَضْلِيلٍ2
क्या उसने उनकी चाल को अकारथ नहीं कर दिया?
وَأَرْسَلَ عَلَيْهِمْ طَيْرًا أَبَابِيلَ3
और उनपर नियुक्त होने को झुंड के झुंड पक्षी भेजे,
تَرْمِيهِمْ بِحِجَارَةٍ مِنْ سِجِّيلٍ4
उनपर कंकरीले पत्थर मार रहे थे
فَجَعَلَهُمْ كَعَصْفٍ مَأْكُولٍ5
अन्ततः उन्हें ऐसा कर दिया, जैसे खाने का भूसा हो