अस-साफ्फ़ात
يَقُولُ أَإِنَّكَ لَمِنَ الْمُصَدِّقِينَ52
जो कहा करता था क्या तुम भी पुष्टि करनेवालों में से हो?
أَإِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَعِظَامًا أَإِنَّا لَمَدِينُونَ53
क्या जब हम मर चुके होंगे और मिट्टी और हड्डियाँ होकर रह जाएँगे, तो क्या हम वास्तव में बदला पाएँगे?"
قَالَ هَلْ أَنْتُمْ مُطَّلِعُونَ54
वह कहेगा, "क्या तुम झाँककर देखोगे?"
فَاطَّلَعَ فَرَآهُ فِي سَوَاءِ الْجَحِيمِ55
फिर वह झाँकेगा तो उसे भड़कती हुई आग के बीच में देखेगा
قَالَ تَاللَّهِ إِنْ كِدْتَ لَتُرْدِينِ56
कहेगा, "अल्लाह की क़सम! तुम तो मुझे तबाह ही करने को थे
وَلَوْلَا نِعْمَةُ رَبِّي لَكُنْتُ مِنَ الْمُحْضَرِينَ57
यदि मेरे रब की अनुकम्पा न होती तो अवश्य ही मैं भी पकड़कर हाज़िर किए गए लोगों में से होता
أَفَمَا نَحْنُ بِمَيِّتِينَ58
है ना अब ऐसा कि हम मरने के नहीं।
إِلَّا مَوْتَتَنَا الْأُولَىٰ وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ59
हमें जो मृत्यु आनी थी वह बस पहले आ चुकी। और हमें कोई यातना ही दी जाएगी!"
إِنَّ هَـٰذَا لَهُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ60
निश्चय ही यही बड़ी सफलता है
لِمِثْلِ هَـٰذَا فَلْيَعْمَلِ الْعَامِلُونَ61
ऐसी की चीज़ के लिए कर्म करनेवालों को कर्म करना चाहिए
أَذَٰلِكَ خَيْرٌ نُزُلًا أَمْ شَجَرَةُ الزَّقُّومِ62
क्या वह आतिथ्य अच्छा है या 'ज़क़्क़ूम' का वृक्ष?
إِنَّا جَعَلْنَاهَا فِتْنَةً لِلظَّالِمِينَ63
निश्चय ही हमने उस (वृक्ष) को ज़ालिमों के लिए परीक्षा बना दिया है
إِنَّهَا شَجَرَةٌ تَخْرُجُ فِي أَصْلِ الْجَحِيمِ64
वह एक वृक्ष है जो भड़कती हुई आग की तह से निकलता है
طَلْعُهَا كَأَنَّهُ رُءُوسُ الشَّيَاطِينِ65
उसके गाभे मानो शैतानों के सिर (साँपों के फन) है
فَإِنَّهُمْ لَآكِلُونَ مِنْهَا فَمَالِئُونَ مِنْهَا الْبُطُونَ66
तो वे उसे खाएँगे और उसी से पेट भरेंगे
ثُمَّ إِنَّ لَهُمْ عَلَيْهَا لَشَوْبًا مِنْ حَمِيمٍ67
फिर उनके लिए उसपर खौलते हुए पानी का मिश्रण होगा
ثُمَّ إِنَّ مَرْجِعَهُمْ لَإِلَى الْجَحِيمِ68
फिर उनकी वापसी भड़कती हुई आग की ओर होगी
إِنَّهُمْ أَلْفَوْا آبَاءَهُمْ ضَالِّينَ69
निश्चय ही उन्होंने अपने बाप-दादा को पथभ्रष्ट॥ पाया।
فَهُمْ عَلَىٰ آثَارِهِمْ يُهْرَعُونَ70
फिर वे उन्हीं के पद-चिन्हों पर दौड़ते रहे
وَلَقَدْ ضَلَّ قَبْلَهُمْ أَكْثَرُ الْأَوَّلِينَ71
और उनसे पहले भी पूर्ववर्ती लोगों में अधिकांश पथभ्रष्ट हो चुके है,
وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا فِيهِمْ مُنْذِرِينَ72
हमने उनमें सचेत करनेवाले भेजे थे।
فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُنْذَرِينَ73
तो अब देख लो उन लोगों का कैसा परिणाम हुआ, जिन्हे सचेत किया गया था
إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ74
अलबत्ता अल्लाह के बन्दों की बात और है, जिनको उसने चुन लिया है
وَلَقَدْ نَادَانَا نُوحٌ فَلَنِعْمَ الْمُجِيبُونَ75
नूह ने हमको पुकारा था, तो हम कैसे अच्छे है निवेदन स्वीकार करनेवाले!
وَنَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِيمِ76
हमने उसे और उसके लोगों को बड़ी घुटन और बेचैनी से छुटकारा दिया