अल-अनाम
وَقَالُوا هَـٰذِهِ أَنْعَامٌ وَحَرْثٌ حِجْرٌ لَا يَطْعَمُهَا إِلَّا مَنْ نَشَاءُ بِزَعْمِهِمْ وَأَنْعَامٌ حُرِّمَتْ ظُهُورُهَا وَأَنْعَامٌ لَا يَذْكُرُونَ اسْمَ اللَّهِ عَلَيْهَا افْتِرَاءً عَلَيْهِ ۚ سَيَجْزِيهِمْ بِمَا كَانُوا يَفْتَرُونَ138
और वे कहते है, "ये जानवर और खेती वर्जित और सुरक्षित है। इन्हें तो केवल वही खा सकता है, जिसे हम चाहें।" - ऐसा वे स्वयं अपने ख़याल से कहते है - और कुछ चौपाए ऐसे है, जिनकी पीठों को (सवारी के लिए) हराम ठहरा लिया है और कुछ जानवर ऐसे है जिनपर अल्लाह का नाम नहीं लेते। यह यह उन्होंने अल्लाह पर झूठ घड़ा है, और वह शीघ्र ही उन्हें उनके झूठ घड़ने का बदला देगा
وَقَالُوا مَا فِي بُطُونِ هَـٰذِهِ الْأَنْعَامِ خَالِصَةٌ لِذُكُورِنَا وَمُحَرَّمٌ عَلَىٰ أَزْوَاجِنَا ۖ وَإِنْ يَكُنْ مَيْتَةً فَهُمْ فِيهِ شُرَكَاءُ ۚ سَيَجْزِيهِمْ وَصْفَهُمْ ۚ إِنَّهُ حَكِيمٌ عَلِيمٌ139
और वे कहते है, "जो कुछ इन जानवरों के पेट में है वह बिल्कुल हमारे पुरुषों ही के लिए है और वह हमारी पत्नियों के लिए वर्जित है। परन्तु यदि वह मुर्दा हो, तो वे सब उसमें शरीक है।" शीघ्र ही वह उन्हें उनके ऐसा कहने का बदला देगा। निस्संदेह वह तत्वदर्शी, सर्वज्ञ है
قَدْ خَسِرَ الَّذِينَ قَتَلُوا أَوْلَادَهُمْ سَفَهًا بِغَيْرِ عِلْمٍ وَحَرَّمُوا مَا رَزَقَهُمُ اللَّهُ افْتِرَاءً عَلَى اللَّهِ ۚ قَدْ ضَلُّوا وَمَا كَانُوا مُهْتَدِينَ140
वे लोग कुछ जाने-बूझे बिना घाटे में रहे, जिन्होंने मूर्खता के कारण अपनी सन्तान की हत्या की और जो कुछ अल्लाह ने उन्हें प्रदान किया था, उसे अल्लाह पर झूठ घड़कर हराम ठहरा दिया। वास्तव में वे भटक गए और वे सीधा मार्ग पानेवाले न हुए
وَهُوَ الَّذِي أَنْشَأَ جَنَّاتٍ مَعْرُوشَاتٍ وَغَيْرَ مَعْرُوشَاتٍ وَالنَّخْلَ وَالزَّرْعَ مُخْتَلِفًا أُكُلُهُ وَالزَّيْتُونَ وَالرُّمَّانَ مُتَشَابِهًا وَغَيْرَ مُتَشَابِهٍ ۚ كُلُوا مِنْ ثَمَرِهِ إِذَا أَثْمَرَ وَآتُوا حَقَّهُ يَوْمَ حَصَادِهِ ۖ وَلَا تُسْرِفُوا ۚ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْمُسْرِفِينَ141
और वही है जिसने बाग़ पैदा किए; कुछ जालियों पर चढ़ाए जाते है और कुछ नहीं चढ़ाए जाते और खजूर और खेती भी जिनकी पैदावार विभिन्न प्रकार की होती है, और ज़ैतून और अनार जो एक-दूसरे से मिलते-जुलते भी है और नहीं भी मिलते है। जब वह फल दे, तो उसका फल खाओ और उसका हक़ अदा करो जो उस (फ़सल) की कटाई के दिन वाजिब होता है। और हद से आगे न बढ़ो, क्योंकि वह हद से आगे बढ़नेवालों को पसन्द नहीं करता
وَمِنَ الْأَنْعَامِ حَمُولَةً وَفَرْشًا ۚ كُلُوا مِمَّا رَزَقَكُمُ اللَّهُ وَلَا تَتَّبِعُوا خُطُوَاتِ الشَّيْطَانِ ۚ إِنَّهُ لَكُمْ عَدُوٌّ مُبِينٌ142
और चौपायों में से कुछ बोझ उठानेवाले बड़े और कुछ छोटे जानवर पैदा किए। अल्लाह ने जो कुछ तुम्हें दिया है, उसमें से खाओ और शैतान के क़दमों पर न चलो। निश्चय ही वह तुम्हारा खुला हुआ शत्रु है