अल-क़द्र
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
إِنَّا أَنْزَلْنَاهُ فِي لَيْلَةِ الْقَدْرِ1
हमने इसे क़द्र की रात में अवतरित किया
وَمَا أَدْرَاكَ مَا لَيْلَةُ الْقَدْرِ2
और तुम्हें क्या मालूम कि क़द्र की रात क्या है?
لَيْلَةُ الْقَدْرِ خَيْرٌ مِنْ أَلْفِ شَهْرٍ3
क़द्र की रात उत्तम है हज़ार महीनों से,
تَنَزَّلُ الْمَلَائِكَةُ وَالرُّوحُ فِيهَا بِإِذْنِ رَبِّهِمْ مِنْ كُلِّ أَمْرٍ4
उसमें फ़रिश्तें और रूह हर महत्वपूर्ण मामलें में अपने रब की अनुमति से उतरते है
سَلَامٌ هِيَ حَتَّىٰ مَطْلَعِ الْفَجْرِ5
वह रात पूर्णतः शान्ति और सलामती है, उषाकाल के उदय होने तक
अल-बैय्यिना
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
لَمْ يَكُنِ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ مُنْفَكِّينَ حَتَّىٰ تَأْتِيَهُمُ الْبَيِّنَةُ1
किताबवालों और मुशरिकों (बहुदेववादियों) में से जिन लोगों ने इनकार किया वे कुफ़्र (इनकार) से अलग होनेवाले नहीं जब तक कि उनके पास स्पष्ट प्रमाण न आ जाए;
رَسُولٌ مِنَ اللَّهِ يَتْلُو صُحُفًا مُطَهَّرَةً2
अल्लाह की ओर से एक रसूल पवित्र पृष्ठों को पढ़ता हुआ;
فِيهَا كُتُبٌ قَيِّمَةٌ3
जिनमें ठोस और ठीक आदेश अंकित हों,
وَمَا تَفَرَّقَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ إِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَاءَتْهُمُ الْبَيِّنَةُ4
हालाँकि जिन्हें किताब दी गई थी। वे इसके पश्चात फूट में पड़े कि उनके पास स्पष्ट प्रमाण आ चुका था
وَمَا أُمِرُوا إِلَّا لِيَعْبُدُوا اللَّهَ مُخْلِصِينَ لَهُ الدِّينَ حُنَفَاءَ وَيُقِيمُوا الصَّلَاةَ وَيُؤْتُوا الزَّكَاةَ ۚ وَذَٰلِكَ دِينُ الْقَيِّمَةِ5
और उन्हें आदेश भी बस यही दिया गया था कि वे अल्लाह की बन्दगी करे निष्ठा एवं विनयशीलता को उसके लिए विशिष्ट करके, बिलकुल एकाग्र होकर, और नमाज़ की पाबन्दी करें और ज़कात दे। और यही है सत्यवादी समुदाय का धर्म
إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ فِي نَارِ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۚ أُولَـٰئِكَ هُمْ شَرُّ الْبَرِيَّةِ6
निस्संदेह किताबवालों और मुशरिकों (बहुदेववादियों) में से जिन लोगों ने इनकार किया है, वे जहन्नम की आग में पड़ेगे; उसमें सदैव रहने के लिए। वही पैदा किए गए प्राणियों में सबसे बुरे है
إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ أُولَـٰئِكَ هُمْ خَيْرُ الْبَرِيَّةِ7
किन्तु निश्चय ही वे लोग, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए पैदा किए गए प्राणियों में सबसे अच्छे है