अश-शूरा
وَكَذَٰلِكَ أَوْحَيْنَا إِلَيْكَ رُوحًا مِنْ أَمْرِنَا ۚ مَا كُنْتَ تَدْرِي مَا الْكِتَابُ وَلَا الْإِيمَانُ وَلَـٰكِنْ جَعَلْنَاهُ نُورًا نَهْدِي بِهِ مَنْ نَشَاءُ مِنْ عِبَادِنَا ۚ وَإِنَّكَ لَتَهْدِي إِلَىٰ صِرَاطٍ مُسْتَقِيمٍ52
और इसी प्रकार हमने अपने आदेश से एक रूह (क़ुरआन) की प्रकाशना तुम्हारी ओर की है। तुम नहीं जानते थे कि किताब क्या होती है और न ईमान को (जानते थे), किन्तु हमने इस (प्रकाशना) को एक प्रकाश बनाया, जिसके द्वारा हम अपने बन्दों में से जिसे चाहते है मार्ग दिखाते है। निश्चय ही तुम एक सीधे मार्ग की ओर पथप्रदर्शन कर रहे हो-
صِرَاطِ اللَّهِ الَّذِي لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ أَلَا إِلَى اللَّهِ تَصِيرُ الْأُمُورُ53
उस अल्लाह के मार्ग की ओर जिसका वह सब कुछ है, जो आकाशों में है और जो धरती में है। सुन लो, सारे मामले अन्ततः अल्लाह ही की ओर पलटते हैं
अज़-ज़ुख़रुफ़
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
حم1
हा॰ मीम॰
وَالْكِتَابِ الْمُبِينِ2
गवाह है स्पष्ट किताब
إِنَّا جَعَلْنَاهُ قُرْآنًا عَرَبِيًّا لَعَلَّكُمْ تَعْقِلُونَ3
हमने उसे अरबी क़ुरआन बनाया, ताकि तुम समझो
وَإِنَّهُ فِي أُمِّ الْكِتَابِ لَدَيْنَا لَعَلِيٌّ حَكِيمٌ4
और निश्चय ही वह मूल किताब में अंकित है, हमारे यहाँ बहुच उच्च कोटि की, तत्वदर्शिता से परिपूर्ण है
أَفَنَضْرِبُ عَنْكُمُ الذِّكْرَ صَفْحًا أَنْ كُنْتُمْ قَوْمًا مُسْرِفِينَ5
क्या इसलिए कि तुम मर्यादाहीन लोग हो, हम तुमपर से बिलकुल ही नज़र फेर लेंगे?
وَكَمْ أَرْسَلْنَا مِنْ نَبِيٍّ فِي الْأَوَّلِينَ6
हमने पहले के लोगों में कितने ही रसूल भेजे
وَمَا يَأْتِيهِمْ مِنْ نَبِيٍّ إِلَّا كَانُوا بِهِ يَسْتَهْزِئُونَ7
किन्तु जो भी नबी उनके पास आया, वे उसका परिहास ही करते रहे
فَأَهْلَكْنَا أَشَدَّ مِنْهُمْ بَطْشًا وَمَضَىٰ مَثَلُ الْأَوَّلِينَ8
अन्ततः हमने उनको पकड़ में लेकर विनष्ट कर दिया जो उनसे कहीं अधिक बलशाली थे। और पहले के लोगों की मिसाल गुज़र-चुकी है
وَلَئِنْ سَأَلْتَهُمْ مَنْ خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ لَيَقُولُنَّ خَلَقَهُنَّ الْعَزِيزُ الْعَلِيمُ9
यदि तुम उनसे पूछो कि "आकाशों और धरती को किसने पैदा किया?" तो वे अवश्य कहेंगे, "उन्हें अत्यन्त प्रभुत्वशाली, सर्वज्ञ सत्ता ने पैदा किया।"
الَّذِي جَعَلَ لَكُمُ الْأَرْضَ مَهْدًا وَجَعَلَ لَكُمْ فِيهَا سُبُلًا لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُونَ10
जिसने तुम्हारे लिए धरती को गहवारा बनाया औऱ उसमें तुम्हारे लिए मार्ग बना दिए. ताकि तुम्हें मार्गदर्शन प्राप्त हो