अल-हज
الْمُلْكُ يَوْمَئِذٍ لِلَّهِ يَحْكُمُ بَيْنَهُمْ ۚ فَالَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فِي جَنَّاتِ النَّعِيمِ56
उस दिन बादशाही अल्लाह ही की होगी। वह उनके बीच फ़ैसला कर देगा। अतः जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे नेमत भरी जन्नतों में होंगे
وَالَّذِينَ كَفَرُوا وَكَذَّبُوا بِآيَاتِنَا فَأُولَـٰئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُهِينٌ57
और जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, उनके लिए अपमानजनक यातना है
وَالَّذِينَ هَاجَرُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ ثُمَّ قُتِلُوا أَوْ مَاتُوا لَيَرْزُقَنَّهُمُ اللَّهُ رِزْقًا حَسَنًا ۚ وَإِنَّ اللَّهَ لَهُوَ خَيْرُ الرَّازِقِينَ58
और जिन लोगों ने अल्लाह के मार्ग में घरबार छोड़ा, फिर मारे गए या मर गए, अल्लाह अवश्य उन्हें अच्छी आजीविका प्रदान करेगा। और निस्संदेह अल्लाह ही उत्तम आजीविका प्रदान करनेवाला है
لَيُدْخِلَنَّهُمْ مُدْخَلًا يَرْضَوْنَهُ ۗ وَإِنَّ اللَّهَ لَعَلِيمٌ حَلِيمٌ59
वह उन्हें ऐसी जगह प्रवेश कराएगा जिससे वे प्रसन्न हो जाएँगे। और निश्चय ही अल्लाह सर्वज्ञ, अत्यन्त सहनशील है
ذَٰلِكَ وَمَنْ عَاقَبَ بِمِثْلِ مَا عُوقِبَ بِهِ ثُمَّ بُغِيَ عَلَيْهِ لَيَنْصُرَنَّهُ اللَّهُ ۗ إِنَّ اللَّهَ لَعَفُوٌّ غَفُورٌ60
यह बात तो सुन ली। और जो कोई बदला लें, वैसा ही जैसा उसके साथ किया गया और फिर उसपर ज़्यादती की गई, तो अल्लाह अवश्य उसकी सहायता करेगा। निश्चय ही अल्लाह दरगुज़र करनेवाला (छोड़ देनेवाला), बहुत क्षमाशील है
ذَٰلِكَ بِأَنَّ اللَّهَ يُولِجُ اللَّيْلَ فِي النَّهَارِ وَيُولِجُ النَّهَارَ فِي اللَّيْلِ وَأَنَّ اللَّهَ سَمِيعٌ بَصِيرٌ61
यह इसलिए कि अल्लाह ही है जो रात को दिन में पिरोता हुआ ले आता है और दिन को रात में पिरोता हुआ ले आता है। और यह कि अल्लाह सुनता, देखता है
ذَٰلِكَ بِأَنَّ اللَّهَ هُوَ الْحَقُّ وَأَنَّ مَا يَدْعُونَ مِنْ دُونِهِ هُوَ الْبَاطِلُ وَأَنَّ اللَّهَ هُوَ الْعَلِيُّ الْكَبِيرُ62
यह इसलिए कि अल्लाह ही सत्य है और जिसे वे उसको छोड़कर पुकारते है, वे सब असत्य है, और यह कि अल्लाह ही सर्वोच्च, महान है
أَلَمْ تَرَ أَنَّ اللَّهَ أَنْزَلَ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَتُصْبِحُ الْأَرْضُ مُخْضَرَّةً ۗ إِنَّ اللَّهَ لَطِيفٌ خَبِيرٌ63
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह आकाश से पानी बरसाता है, तो धरती हरी-भरी हो जाती है? निस्संदेह अल्लाह सूक्ष्मदर्शी, ख़बर रखनेवाला है
لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ وَإِنَّ اللَّهَ لَهُوَ الْغَنِيُّ الْحَمِيدُ64
उसी का है जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है। निस्संदेह अल्लाह ही निस्पृह प्रशंसनीय है