अल-आराफ़
وَلَقَدْ جِئْنَاهُمْ بِكِتَابٍ فَصَّلْنَاهُ عَلَىٰ عِلْمٍ هُدًى وَرَحْمَةً لِقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ52
और निश्चय ही हम उनके पास एक ऐसी किताब ले आए है, जिसे हमने ज्ञान के आधार पर विस्तृत किया है, जो ईमान लानेवालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता है
هَلْ يَنْظُرُونَ إِلَّا تَأْوِيلَهُ ۚ يَوْمَ يَأْتِي تَأْوِيلُهُ يَقُولُ الَّذِينَ نَسُوهُ مِنْ قَبْلُ قَدْ جَاءَتْ رُسُلُ رَبِّنَا بِالْحَقِّ فَهَلْ لَنَا مِنْ شُفَعَاءَ فَيَشْفَعُوا لَنَا أَوْ نُرَدُّ فَنَعْمَلَ غَيْرَ الَّذِي كُنَّا نَعْمَلُ ۚ قَدْ خَسِرُوا أَنْفُسَهُمْ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَا كَانُوا يَفْتَرُونَ53
क्या वे लोग केवल इसी की प्रतीक्षा में है कि उसकी वास्तविकता और परिणाम प्रकट हो जाए? जिस दिन उसकी वास्तविकता सामने आ जाएगी, तो वे लोग इससे पहले उसे भूले हुए थे, बोल उठेंगे, "वास्तव में, हमारे रब के रसूल सत्य लेकर आए थे। तो क्या हमारे कुछ सिफ़ारिशी है, जो हमारी सिफ़ारिश कर दें या हमें वापस भेज दिया जाए कि जो कुछ हम करते थे उससे भिन्न कर्म करें?" उन्होंने अपने आपको घाटे में डाल दिया और जो कुछ वे झूठ घढ़ते थे, वे सब उनसे गुम होकर रह गए
إِنَّ رَبَّكُمُ اللَّهُ الَّذِي خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ فِي سِتَّةِ أَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوَىٰ عَلَى الْعَرْشِ يُغْشِي اللَّيْلَ النَّهَارَ يَطْلُبُهُ حَثِيثًا وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ وَالنُّجُومَ مُسَخَّرَاتٍ بِأَمْرِهِ ۗ أَلَا لَهُ الْخَلْقُ وَالْأَمْرُ ۗ تَبَارَكَ اللَّهُ رَبُّ الْعَالَمِينَ54
निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया - फिर राजसिंहासन पर विराजमान हुआ। वह रात को दिन पर ढाँकता है जो तेज़ी से उसका पीछा करने में सक्रिय है। और सूर्य, चन्द्रमा और तारे भी बनाए, इस प्रकार कि वे उसके आदेश से काम में लगे हुए है। सावधान रहो, उसी की सृष्टि है और उसी का आदेश है। अल्लाह सारे संसार का रब, बड़ी बरकतवाला है
ادْعُوا رَبَّكُمْ تَضَرُّعًا وَخُفْيَةً ۚ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْمُعْتَدِينَ55
अपने रब को गिड़गिड़ाकर और चुपके-चुपके पुकारो। निश्चय ही वह हद से आगे बढ़नेवालों को पसन्द नहीं करता
وَلَا تُفْسِدُوا فِي الْأَرْضِ بَعْدَ إِصْلَاحِهَا وَادْعُوهُ خَوْفًا وَطَمَعًا ۚ إِنَّ رَحْمَتَ اللَّهِ قَرِيبٌ مِنَ الْمُحْسِنِينَ56
और धरती में उसके सुधार के पश्चात बिगाड़ न पैदा करो। भय और आशा के साथ उसे पुकारो। निश्चय ही, अल्लाह की दयालुता सत्कर्मी लोगों के निकट है
وَهُوَ الَّذِي يُرْسِلُ الرِّيَاحَ بُشْرًا بَيْنَ يَدَيْ رَحْمَتِهِ ۖ حَتَّىٰ إِذَا أَقَلَّتْ سَحَابًا ثِقَالًا سُقْنَاهُ لِبَلَدٍ مَيِّتٍ فَأَنْزَلْنَا بِهِ الْمَاءَ فَأَخْرَجْنَا بِهِ مِنْ كُلِّ الثَّمَرَاتِ ۚ كَذَٰلِكَ نُخْرِجُ الْمَوْتَىٰ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُونَ57
और वही है जो अपनी दयालुता से पहले शुभ सूचना देने को हवाएँ भेजता है, यहाँ तक कि जब वे बोझल बादल को उठा लेती है तो हम उसे किसी निर्जीव भूमि की ओर चला देते है, फिर उससे पानी बरसाते है, फिर उससे हर तरह के फल निकालते है। इसी प्रकार हम मुर्दों को मृत अवस्था से निकालेगे - ताकि तुम्हें ध्यान हो