अल-क़सस
فَلَمَّا جَاءَهُمْ مُوسَىٰ بِآيَاتِنَا بَيِّنَاتٍ قَالُوا مَا هَـٰذَا إِلَّا سِحْرٌ مُفْتَرًى وَمَا سَمِعْنَا بِهَـٰذَا فِي آبَائِنَا الْأَوَّلِينَ36
फिर जब मूसा उनके पास हमारी खुली-खुली निशानियाँ लेकर आया तो उन्होंने कहा, "यह तो बस घड़ा हुआ जादू है। हमने तो यह बात अपने अगले बाप-दादा में कभी सुनी ही नहीं।"
وَقَالَ مُوسَىٰ رَبِّي أَعْلَمُ بِمَنْ جَاءَ بِالْهُدَىٰ مِنْ عِنْدِهِ وَمَنْ تَكُونُ لَهُ عَاقِبَةُ الدَّارِ ۖ إِنَّهُ لَا يُفْلِحُ الظَّالِمُونَ37
मूसा ने कहा, "मेरा रब उस व्यक्ति को भली-भाँति जानता है जो उसके यहाँ से मार्गदर्शन लेकर आया है, और उसको भी जिसके लिए अंतिम घर है। निश्चय ही ज़ालिम सफल नहीं होते।"
وَقَالَ فِرْعَوْنُ يَا أَيُّهَا الْمَلَأُ مَا عَلِمْتُ لَكُمْ مِنْ إِلَـٰهٍ غَيْرِي فَأَوْقِدْ لِي يَا هَامَانُ عَلَى الطِّينِ فَاجْعَلْ لِي صَرْحًا لَعَلِّي أَطَّلِعُ إِلَىٰ إِلَـٰهِ مُوسَىٰ وَإِنِّي لَأَظُنُّهُ مِنَ الْكَاذِبِينَ38
फ़िरऔन ने कहा, "ऐ दरबारवालो, मैं तो अपने सिवा तुम्हारे किसी प्रभु को नहीं जानता। अच्छा तो ऐ हामान! तू मेरे लिए ईटें आग में पकवा। फिर मेरे लिए एक ऊँचा महल बना कि मैं मूसा के प्रभु को झाँक आऊँ। मैं तो उसे झूठा समझता हूँ।"
وَاسْتَكْبَرَ هُوَ وَجُنُودُهُ فِي الْأَرْضِ بِغَيْرِ الْحَقِّ وَظَنُّوا أَنَّهُمْ إِلَيْنَا لَا يُرْجَعُونَ39
उसने और उसकी सेनाओं ने धरती में नाहक़ घमंड किया और समझा कि उन्हें हमारी ओर लौटना नहीं है
فَأَخَذْنَاهُ وَجُنُودَهُ فَنَبَذْنَاهُمْ فِي الْيَمِّ ۖ فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الظَّالِمِينَ40
अन्ततः हमने उसे औऱ उसकी सेनाओं को पकड़ लिया और उन्हें गहरे पानी में फेंक दिया। अब देख लो कि ज़ालिमों का कैसा परिणाम हुआ
وَجَعَلْنَاهُمْ أَئِمَّةً يَدْعُونَ إِلَى النَّارِ ۖ وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ لَا يُنْصَرُونَ41
और हमने उन्हें आग की ओर बुलानेवाले पेशवा बना दिया और क़ियामत के दिन उन्हें कोई सहायता प्राप्त न होगी
وَأَتْبَعْنَاهُمْ فِي هَـٰذِهِ الدُّنْيَا لَعْنَةً ۖ وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ هُمْ مِنَ الْمَقْبُوحِينَ42
और हमने इस दुनिया में उनके पीछे लानत लगा दी और क़ियामत दिन वही बदहाल होंगे
وَلَقَدْ آتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ مِنْ بَعْدِ مَا أَهْلَكْنَا الْقُرُونَ الْأُولَىٰ بَصَائِرَ لِلنَّاسِ وَهُدًى وَرَحْمَةً لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُونَ43
और अगली नस्लों को विनष्ट कर देने के पश्चात हमने मूसा को किताब प्रदान की, लोगों के लिए अन्तर्दृष्टियों की सामग्री, मार्गदर्शन और दयालुता बनाकर, ताकि वे ध्यान दें