अल-बैय्यिना
جَزَاؤُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ جَنَّاتُ عَدْنٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا أَبَدًا ۖ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُمْ وَرَضُوا عَنْهُ ۚ ذَٰلِكَ لِمَنْ خَشِيَ رَبَّهُ8
उनका बदला उनके अपने रब के पास सदाबहार बाग़ है, जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। उनमें वे सदैव रहेंगे। अल्लाह उनसे राज़ी हुआ और वे उससे राज़ी हुए। यह कुछ उसके लिए है, जो अपने रब से डरा
अज़-ज़लज़ला
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
إِذَا زُلْزِلَتِ الْأَرْضُ زِلْزَالَهَا1
जब धरती इस प्रकार हिला डाली जाएगी जैसा उसे हिलाया जाना है,
وَأَخْرَجَتِ الْأَرْضُ أَثْقَالَهَا2
और धरती अपने बोझ बाहर निकाल देगी,
وَقَالَ الْإِنْسَانُ مَا لَهَا3
और मनुष्य कहेगा, "उसे क्या हो गया है?"
يَوْمَئِذٍ تُحَدِّثُ أَخْبَارَهَا4
उस दिन वह अपना वृत्तांत सुनाएगी,
بِأَنَّ رَبَّكَ أَوْحَىٰ لَهَا5
इस कारण कि तुम्हारे रब ने उसे यही संकेत किया होगा
يَوْمَئِذٍ يَصْدُرُ النَّاسُ أَشْتَاتًا لِيُرَوْا أَعْمَالَهُمْ6
उस दिन लोग अलग-अलग निकलेंगे, ताकि उन्हें कर्म दिखाए जाएँ
فَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ7
अतः जो कोई कणभर भी नेकी करेगा, वह उसे देख लेगा,
وَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ8
और जो कोई कणभर भी बुराई करेगा, वह भी उसे देख लेगा
अल-आदियात
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
وَالْعَادِيَاتِ ضَبْحًا1
साक्षी है जो हाँफते-फुँकार मारते हुए दौड़ते है,
فَالْمُورِيَاتِ قَدْحًا2
फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते है,
فَالْمُغِيرَاتِ صُبْحًا3
फिर सुबह सवेरे धावा मारते होते है,
فَأَثَرْنَ بِهِ نَقْعًا4
उसमें उठाया उन्होंने गर्द-गुबार
فَوَسَطْنَ بِهِ جَمْعًا5
और इसी हाल में वे दल में जा घुसे
إِنَّ الْإِنْسَانَ لِرَبِّهِ لَكَنُودٌ6
निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ हैं,
وَإِنَّهُ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٌ7
और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है!
وَإِنَّهُ لِحُبِّ الْخَيْرِ لَشَدِيدٌ8
और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है
أَفَلَا يَعْلَمُ إِذَا بُعْثِرَ مَا فِي الْقُبُورِ9
तो क्या वह जानता नहीं जब उगवला लिया जाएगा तो क़ब्रों में है