अश-शुअरा
وَاتَّقُوا الَّذِي خَلَقَكُمْ وَالْجِبِلَّةَ الْأَوَّلِينَ184
उसका डर रखो जिसने तुम्हें और पिछली नस्लों को पैदा किया हैं।"
قَالُوا إِنَّمَا أَنْتَ مِنَ الْمُسَحَّرِينَ185
उन्होंने कहा, "तू तो बस जादू का मारा हुआ है
وَمَا أَنْتَ إِلَّا بَشَرٌ مِثْلُنَا وَإِنْ نَظُنُّكَ لَمِنَ الْكَاذِبِينَ186
और तू बस हमारे ही जैसा एक आदमी है और हम तो तुझे झूठा समझते है
فَأَسْقِطْ عَلَيْنَا كِسَفًا مِنَ السَّمَاءِ إِنْ كُنْتَ مِنَ الصَّادِقِينَ187
फिर तू हमपर आकाश को कोई टुकड़ा गिरा दे, यदि तू सच्चा है।"
قَالَ رَبِّي أَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُونَ188
उसने कहा, " मेरा रब भली-भाँति जानता है जो कुछ तुम कर रहे हो।"
فَكَذَّبُوهُ فَأَخَذَهُمْ عَذَابُ يَوْمِ الظُّلَّةِ ۚ إِنَّهُ كَانَ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ189
किन्तु उन्होंने उसे झुठला दिया। फिर छायावाले दिन की यातना ने आ लिया। निश्चय ही वह एक बड़े दिन की यातना थी
إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ190
निस्संदेह इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ191
और निश्चय ही तुम्हारा रब ही है, जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है
وَإِنَّهُ لَتَنْزِيلُ رَبِّ الْعَالَمِينَ192
निश्चय ही यह (क़ुरआन) सारे संसार के रब की अवतरित की हुई चीज़ है
نَزَلَ بِهِ الرُّوحُ الْأَمِينُ193
इसको लेकर तुम्हारे हृदय पर एक विश्वसनीय आत्मा उतरी है,
عَلَىٰ قَلْبِكَ لِتَكُونَ مِنَ الْمُنْذِرِينَ194
ताकि तुम सावधान करनेवाले हो
بِلِسَانٍ عَرَبِيٍّ مُبِينٍ195
स्पष्ट अरबी भाषा में
وَإِنَّهُ لَفِي زُبُرِ الْأَوَّلِينَ196
और निस्संदेह यह पिछले लोगों की किताबों में भी मौजूद है
أَوَلَمْ يَكُنْ لَهُمْ آيَةً أَنْ يَعْلَمَهُ عُلَمَاءُ بَنِي إِسْرَائِيلَ197
क्या यह उनके लिए कोई निशानी नहीं है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान जानते है?
وَلَوْ نَزَّلْنَاهُ عَلَىٰ بَعْضِ الْأَعْجَمِينَ198
यदि हम इसे ग़ैर अरबी भाषी पर भी उतारते,
فَقَرَأَهُ عَلَيْهِمْ مَا كَانُوا بِهِ مُؤْمِنِينَ199
और वह इसे उन्हें पढ़कर सुनाता तब भी वे इसे माननेवाले न होते
كَذَٰلِكَ سَلَكْنَاهُ فِي قُلُوبِ الْمُجْرِمِينَ200
इसी प्रकार हमने इसे अपराधियों के दिलों में पैठाया है
لَا يُؤْمِنُونَ بِهِ حَتَّىٰ يَرَوُا الْعَذَابَ الْأَلِيمَ201
वे इसपर ईमान लाने को नहीं, जब तक कि दुखद यातना न देख लें
فَيَأْتِيَهُمْ بَغْتَةً وَهُمْ لَا يَشْعُرُونَ202
फिर जब वह अचानक उनपर आ जाएगी और उन्हें ख़बर भी न होगी,
فَيَقُولُوا هَلْ نَحْنُ مُنْظَرُونَ203
तब वे कहेंगे, "क्या हमें कुछ मुहलत मिल सकती है?"
أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ204
तो क्या वे लोग हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे है?
أَفَرَأَيْتَ إِنْ مَتَّعْنَاهُمْ سِنِينَ205
क्या तुमने कुछ विचार किया? यदि हम उन्हें कुछ वर्षों तक सुख भोगने दें;
ثُمَّ جَاءَهُمْ مَا كَانُوا يُوعَدُونَ206
फिर उनपर वह चीज़ आ जाए, जिससे उन्हें डराया जाता रहा है;