अत-तौबा
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا قَاتِلُوا الَّذِينَ يَلُونَكُمْ مِنَ الْكُفَّارِ وَلْيَجِدُوا فِيكُمْ غِلْظَةً ۚ وَاعْلَمُوا أَنَّ اللَّهَ مَعَ الْمُتَّقِينَ123
ऐ ईमान लानेवालो! उन इनकार करनेवालों से लड़ो जो तुम्हारे निकट है और चाहिए कि वे तुममें सख़्ती पाएँ, और जान रखो कि अल्लाह डर रखनेवालों के साथ है
وَإِذَا مَا أُنْزِلَتْ سُورَةٌ فَمِنْهُمْ مَنْ يَقُولُ أَيُّكُمْ زَادَتْهُ هَـٰذِهِ إِيمَانًا ۚ فَأَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا فَزَادَتْهُمْ إِيمَانًا وَهُمْ يَسْتَبْشِرُونَ124
जब भी कोई सूरा अवतरित की गई, तो उनमें से कुछ लोग कहते है, "इसने तुममें से किसके ईमान को बढ़ाया?" हाँ, जो लोग ईमान लाए है इसने उनके ईमान को बढ़ाया है। और वे आनन्द मना रहे है
وَأَمَّا الَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ فَزَادَتْهُمْ رِجْسًا إِلَىٰ رِجْسِهِمْ وَمَاتُوا وَهُمْ كَافِرُونَ125
रहे वे लोग जिनके दिलों में रोग है, उनकी गन्दगी में अभिवृद्धि करते हुए उसने उन्हें उनकी अपनी गन्दगी में और आगे बढ़ा दिया। और वे मरे तो इनकार की दशा ही में
أَوَلَا يَرَوْنَ أَنَّهُمْ يُفْتَنُونَ فِي كُلِّ عَامٍ مَرَّةً أَوْ مَرَّتَيْنِ ثُمَّ لَا يَتُوبُونَ وَلَا هُمْ يَذَّكَّرُونَ126
क्या वे देखते नहीं कि प्रत्येक वर्ष वॆ एक या दो बार आज़माईश में डाले जाते है ? फिर भी न तो वे तौबा करते हैं और न चेतते।
وَإِذَا مَا أُنْزِلَتْ سُورَةٌ نَظَرَ بَعْضُهُمْ إِلَىٰ بَعْضٍ هَلْ يَرَاكُمْ مِنْ أَحَدٍ ثُمَّ انْصَرَفُوا ۚ صَرَفَ اللَّهُ قُلُوبَهُمْ بِأَنَّهُمْ قَوْمٌ لَا يَفْقَهُونَ127
और जब कोई सूरा अवतरित होती है, तो वे परस्पर एक-दूसरे को देखने लगते है कि "तुम्हें कोई देख तो नहीं रहा है।" फिर पलट जाते है। अल्लाह ने उनके दिल फेर दिए, क्योंकि वे ऐसे लोग है जो समझते नहीं है
لَقَدْ جَاءَكُمْ رَسُولٌ مِنْ أَنْفُسِكُمْ عَزِيزٌ عَلَيْهِ مَا عَنِتُّمْ حَرِيصٌ عَلَيْكُمْ بِالْمُؤْمِنِينَ رَءُوفٌ رَحِيمٌ128
तुम्हारे पास तुम्हीं में से एक रसूल आ गया है। तुम्हारा मुश्किल में पड़ना उसके लिए असह्य है। वह तुम्हारे लिए लालयित है। वह मोमिनों के प्रति अत्यन्त करुणामय, दयावान है
فَإِنْ تَوَلَّوْا فَقُلْ حَسْبِيَ اللَّهُ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ ۖ وَهُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِيمِ129
अब यदि वे मुँह मोड़े तो कह दो, "मेरे लिए अल्लाह काफ़ी है, उसके अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं! उसी पर मैंने भऱोसा किया और वही बड़े सिंहासन का प्रभु है।"