अश-शुअरा
فَلَمَّا تَرَاءَى الْجَمْعَانِ قَالَ أَصْحَابُ مُوسَىٰ إِنَّا لَمُدْرَكُونَ61
फिर जब दोनों गिरोहों ने एक-दूसरे को देख लिया तो मूसा के साथियों ने कहा, "हम तो पकड़े गए!"
قَالَ كَلَّا ۖ إِنَّ مَعِيَ رَبِّي سَيَهْدِينِ62
उसने कहा, "कदापि नहीं, मेरे साथ मेरा रब है। वह अवश्य मेरा मार्गदर्शन करेगा।"
فَأَوْحَيْنَا إِلَىٰ مُوسَىٰ أَنِ اضْرِبْ بِعَصَاكَ الْبَحْرَ ۖ فَانْفَلَقَ فَكَانَ كُلُّ فِرْقٍ كَالطَّوْدِ الْعَظِيمِ63
तब हमने मूसा की ओर प्रकाशना की, "अपनी लाठी सागर पर मार।"
وَأَزْلَفْنَا ثَمَّ الْآخَرِينَ64
और हम दूसरों को भी निकट ले आए
وَأَنْجَيْنَا مُوسَىٰ وَمَنْ مَعَهُ أَجْمَعِينَ65
हमने मूसा को और उन सबको जो उसके साथ थे, बचा लिया
ثُمَّ أَغْرَقْنَا الْآخَرِينَ66
और दूसरों को डूबो दिया
إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ67
निस्संदेह इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ68
और निश्चय ही तुम्हारा रब ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है
وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَأَ إِبْرَاهِيمَ69
और उन्हें इबराहीम का वृत्तान्त सुनाओ,
إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِ مَا تَعْبُدُونَ70
जबकि उसने अपने बाप और अपनी क़ौंम के लोगों से कहा, "तुम क्या पूजते हो?"
قَالُوا نَعْبُدُ أَصْنَامًا فَنَظَلُّ لَهَا عَاكِفِينَ71
उन्होंने कहा, "हम बुतों की पूजा करते है, हम तो उन्हीं की सेवा में लगे रहेंगे।"
قَالَ هَلْ يَسْمَعُونَكُمْ إِذْ تَدْعُونَ72
उसने कहा, "क्या ये तुम्हारी सुनते है, जब तुम पुकारते हो,
أَوْ يَنْفَعُونَكُمْ أَوْ يَضُرُّونَ73
या ये तुम्हें कुछ लाभ या हानि पहुँचाते है?"
قَالُوا بَلْ وَجَدْنَا آبَاءَنَا كَذَٰلِكَ يَفْعَلُونَ74
उन्होंने कहा, "नहीं, बल्कि हमने तो अपने बाप-दादा को ऐसा ही करते पाया है।"
قَالَ أَفَرَأَيْتُمْ مَا كُنْتُمْ تَعْبُدُونَ75
उसने कहा, "क्या तुमने उनपर विचार भी किया कि जिन्हें तुम पूजते हो,
أَنْتُمْ وَآبَاؤُكُمُ الْأَقْدَمُونَ76
तुम और तुम्हारे पहले के बाप-दादा?
فَإِنَّهُمْ عَدُوٌّ لِي إِلَّا رَبَّ الْعَالَمِينَ77
वे सब तो मेरे शत्रु है, सिवाय सारे संसार के रब के,
الَّذِي خَلَقَنِي فَهُوَ يَهْدِينِ78
जिसने मुझे पैदा किया और फिर वही मेरा मार्गदर्शन करता है
وَالَّذِي هُوَ يُطْعِمُنِي وَيَسْقِينِ79
और वही है जो मुझे खिलाता और पिलाता है
وَإِذَا مَرِضْتُ فَهُوَ يَشْفِينِ80
और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे अच्छा करता है
وَالَّذِي يُمِيتُنِي ثُمَّ يُحْيِينِ81
और वही है जो मुझे मारेगा, फिर मुझे जीवित करेगा
وَالَّذِي أَطْمَعُ أَنْ يَغْفِرَ لِي خَطِيئَتِي يَوْمَ الدِّينِ82
और वही है जिससे मुझे इसकी आकांक्षा है कि बदला दिए जाने के दिन वह मेरी ख़ता माफ़ कर देगा
رَبِّ هَبْ لِي حُكْمًا وَأَلْحِقْنِي بِالصَّالِحِينَ83
ऐ मेरे रब! मुझे निर्णय-शक्ति प्रदान कर और मुझे योग्य लोगों के साथ मिला।