अल-फतह
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
إِنَّا فَتَحْنَا لَكَ فَتْحًا مُبِينًا1
निश्चय ही हमने तुम्हारे लिए एक खुली विजय प्रकट की,
لِيَغْفِرَ لَكَ اللَّهُ مَا تَقَدَّمَ مِنْ ذَنْبِكَ وَمَا تَأَخَّرَ وَيُتِمَّ نِعْمَتَهُ عَلَيْكَ وَيَهْدِيَكَ صِرَاطًا مُسْتَقِيمًا2
ताकि अल्लाह तुम्हारे अगले और पिछले गुनाहों को क्षमा कर दे और तुमपर अपनी अनुकम्पा पूर्ण कर दे और तुम्हें सीधे मार्ग पर चलाए,
وَيَنْصُرَكَ اللَّهُ نَصْرًا عَزِيزًا3
और अल्लाह तुम्हें प्रभावकारी सहायता प्रदान करे
هُوَ الَّذِي أَنْزَلَ السَّكِينَةَ فِي قُلُوبِ الْمُؤْمِنِينَ لِيَزْدَادُوا إِيمَانًا مَعَ إِيمَانِهِمْ ۗ وَلِلَّهِ جُنُودُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَكَانَ اللَّهُ عَلِيمًا حَكِيمًا4
वहीं है जिसने ईमानवालों के दिलों में सकीना (प्रशान्ति) उतारी, ताकि अपने ईमान के साथ वे और ईमान की अभिवृद्धि करें - आकाशों और धरती की सभी सेनाएँ अल्लाह ही की है, और अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है। -
لِيُدْخِلَ الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ جَنَّاتٍ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا وَيُكَفِّرَ عَنْهُمْ سَيِّئَاتِهِمْ ۚ وَكَانَ ذَٰلِكَ عِنْدَ اللَّهِ فَوْزًا عَظِيمًا5
ताकि वह मोमिन पुरुषों औप मोमिन स्त्रियों को ऐसे बाग़ों में दाख़िल करे जिनके नीचे नहरें बहती होंगी कि वे उनमें सदैव रहें और उनसे उनकी बुराईयाँ दूर कर दे - यह अल्लाह के यहाँ बड़ी सफलता है। -
وَيُعَذِّبَ الْمُنَافِقِينَ وَالْمُنَافِقَاتِ وَالْمُشْرِكِينَ وَالْمُشْرِكَاتِ الظَّانِّينَ بِاللَّهِ ظَنَّ السَّوْءِ ۚ عَلَيْهِمْ دَائِرَةُ السَّوْءِ ۖ وَغَضِبَ اللَّهُ عَلَيْهِمْ وَلَعَنَهُمْ وَأَعَدَّ لَهُمْ جَهَنَّمَ ۖ وَسَاءَتْ مَصِيرًا6
और कपटाचारी पुरुषों और कपटाचारी स्त्रियों और बहुदेववादी पुरुषों और बहुदेववादी स्त्रियों को, जो अल्लाह के बारे में बुरा गुमान रखते है, यातना दे। उन्हीं पर बुराई की गर्दिश है। उनपर अल्लाह का क्रोध हुआ और उसने उनपर लानत की, और उसने उनके लिए जहन्नम तैयार कर रखा है, और वह अत्यन्त बुरा ठिकाना है!
وَلِلَّهِ جُنُودُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَكَانَ اللَّهُ عَزِيزًا حَكِيمًا7
आकाशों और धरती की सब सेनाएँ अल्लाह ही की है। अल्लाह प्रभुत्वशाली, अत्यन्त तत्वदर्शी है
إِنَّا أَرْسَلْنَاكَ شَاهِدًا وَمُبَشِّرًا وَنَذِيرًا8
निश्चय ही हमने तुम्हें गवाही देनेवाला और शुभ सूचना देनेवाला और सचेतकर्त्ता बनाकर भेजा,
لِتُؤْمِنُوا بِاللَّهِ وَرَسُولِهِ وَتُعَزِّرُوهُ وَتُوَقِّرُوهُ وَتُسَبِّحُوهُ بُكْرَةً وَأَصِيلًا9
ताकि तुम अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाओ, उसे सहायता पहुँचाओ और उसका आदर करो, और प्रातःकाल और संध्या समय उसकी तसबीह करते रहो