अल-अंकबूत
وَلَمَّا جَاءَتْ رُسُلُنَا إِبْرَاهِيمَ بِالْبُشْرَىٰ قَالُوا إِنَّا مُهْلِكُو أَهْلِ هَـٰذِهِ الْقَرْيَةِ ۖ إِنَّ أَهْلَهَا كَانُوا ظَالِمِينَ31
हमारे भेजे हुए जब इबराहीम के पास शुभ सूचना लेकर आए तो उन्होंने कहा, "हम इस बस्ती के लोगों को विनष्ट करनेवाले है। निस्संदेह इस बस्ती के लोग ज़ालिम है।"
قَالَ إِنَّ فِيهَا لُوطًا ۚ قَالُوا نَحْنُ أَعْلَمُ بِمَنْ فِيهَا ۖ لَنُنَجِّيَنَّهُ وَأَهْلَهُ إِلَّا امْرَأَتَهُ كَانَتْ مِنَ الْغَابِرِينَ32
उसने कहाँ, "वहाँ तो लूत मौजूद है।" वे बोले, "जो कोई भी वहाँ है, हम भली-भाँति जानते है। हम उसको और उसके घरवालों को बचा लेंगे, सिवाय उसकी स्त्री के। वह पीछे रह जानेवालों में से है।"
وَلَمَّا أَنْ جَاءَتْ رُسُلُنَا لُوطًا سِيءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَقَالُوا لَا تَخَفْ وَلَا تَحْزَنْ ۖ إِنَّا مُنَجُّوكَ وَأَهْلَكَ إِلَّا امْرَأَتَكَ كَانَتْ مِنَ الْغَابِرِينَ33
जब यह हुआ कि हमारे भेजे हुए लूत के पास आए तो उनका आना उसे नागवार हुआ और उनके प्रति दिल को तंग पाया। किन्तु उन्होंने कहा, "डरो मत और न शोकाकुल हो। हम तुम्हें और तुम्हारे घरवालों को बचा लेंगे सिवाय तुम्हारी स्त्री के। वह पीछे रह जानेवालों में से है
إِنَّا مُنْزِلُونَ عَلَىٰ أَهْلِ هَـٰذِهِ الْقَرْيَةِ رِجْزًا مِنَ السَّمَاءِ بِمَا كَانُوا يَفْسُقُونَ34
निश्चय ही हम इस बस्ती के लोगों पर आकाश से एक यातना उतारनेवाले है, इस कारण कि वे बन्दगी की सीमा से निकलते रहे है।"
وَلَقَدْ تَرَكْنَا مِنْهَا آيَةً بَيِّنَةً لِقَوْمٍ يَعْقِلُونَ35
और हमने उस बस्ती से प्राप्त होनेवाली एक खुली निशानी उन लोगों के लिए छोड़ दी है, जो बुद्धि से काम लेना चाहे
وَإِلَىٰ مَدْيَنَ أَخَاهُمْ شُعَيْبًا فَقَالَ يَا قَوْمِ اعْبُدُوا اللَّهَ وَارْجُوا الْيَوْمَ الْآخِرَ وَلَا تَعْثَوْا فِي الْأَرْضِ مُفْسِدِينَ36
और मदयन की ओर उनके भाई शुऐब को भेजा। उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो, अल्लाह की बन्दगी करो। और अंतिम दिन की आशा रखो और धरती में बिगाड़ फैलाते मत फिरो।"
فَكَذَّبُوهُ فَأَخَذَتْهُمُ الرَّجْفَةُ فَأَصْبَحُوا فِي دَارِهِمْ جَاثِمِينَ37
किन्तु उन्होंने उसे झुठला दिया। अन्ततः भूकम्प ने उन्हें आ लिया। और वे अपने घरों में औंधे पड़े रह गए
وَعَادًا وَثَمُودَ وَقَدْ تَبَيَّنَ لَكُمْ مِنْ مَسَاكِنِهِمْ ۖ وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطَانُ أَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِيلِ وَكَانُوا مُسْتَبْصِرِينَ38
और आद और समूद को भी हमने विनष्ट किया। और उनके घरों और बस्तियों के अवशेषों से तुमपर स्पष्ट हो चुका है। शैतान ने उनके कर्मों को उनके लिए सुहाना बना दिया और उन्हें संमार्ग से रोक दिया। यद्यपि वे बड़े तीक्ष्ण स्पष्ट वाले थे