अल-हज
وَهُدُوا إِلَى الطَّيِّبِ مِنَ الْقَوْلِ وَهُدُوا إِلَىٰ صِرَاطِ الْحَمِيدِ24
निर्देशित किया गया उन्हें अच्छे पाक बोल की ओर और उनको प्रशंसित अल्लाह का मार्ग दिखाया गया
إِنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا وَيَصُدُّونَ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ وَالْمَسْجِدِ الْحَرَامِ الَّذِي جَعَلْنَاهُ لِلنَّاسِ سَوَاءً الْعَاكِفُ فِيهِ وَالْبَادِ ۚ وَمَنْ يُرِدْ فِيهِ بِإِلْحَادٍ بِظُلْمٍ نُذِقْهُ مِنْ عَذَابٍ أَلِيمٍ25
जिन लोगों ने इनकार किया और वे अल्लाह के मार्ग से रोकते हैं और प्रतिष्ठित मस्जिद (काबा) से, जिसे हमने सब लोगों के लिए ऐसा बनाया है कि उसमें बराबर है वहाँ का रहनेवाला और बाहर से आया हुआ। और जो व्यक्ति उस (प्रतिष्ठित मस्जिद) में कुटिलता अर्थात ज़ूल्म के साथ कुछ करना चाहेगा, उसे हम दुखद यातना का मज़ा चखाएँगे
وَإِذْ بَوَّأْنَا لِإِبْرَاهِيمَ مَكَانَ الْبَيْتِ أَنْ لَا تُشْرِكْ بِي شَيْئًا وَطَهِّرْ بَيْتِيَ لِلطَّائِفِينَ وَالْقَائِمِينَ وَالرُّكَّعِ السُّجُودِ26
याद करो जब कि हमने इबराहीम के लिए अल्लाह के घर को ठिकाना बनाया, इस आदेश के साथ कि "मेरे साथ किसी चीज़ को साझी न ठहराना और मेरे घर को तवाफ़ (परिक्रमा) करनेवालों और खड़े होने और झुकने और सजदा करनेवालों के लिए पाक-साफ़ रखना।"
وَأَذِّنْ فِي النَّاسِ بِالْحَجِّ يَأْتُوكَ رِجَالًا وَعَلَىٰ كُلِّ ضَامِرٍ يَأْتِينَ مِنْ كُلِّ فَجٍّ عَمِيقٍ27
और लोगों में हज के लिए उद्घोषणा कर दो कि "वे प्रत्येक गहरे मार्ग से, पैदल भी और दुबली-दुबली ऊँटनियों पर, तेरे पास आएँ
لِيَشْهَدُوا مَنَافِعَ لَهُمْ وَيَذْكُرُوا اسْمَ اللَّهِ فِي أَيَّامٍ مَعْلُومَاتٍ عَلَىٰ مَا رَزَقَهُمْ مِنْ بَهِيمَةِ الْأَنْعَامِ ۖ فَكُلُوا مِنْهَا وَأَطْعِمُوا الْبَائِسَ الْفَقِيرَ28
ताकि वे उन लाभों को देखें जो वहाँ उनके लिए रखे गए है। और कुछ ज्ञात और निश्चित दिनों में उन चौपाए अर्थात मवेशियों पर अल्लाह का नाम लें, जो उसने उन्हें दिए है। फिर उसमें से स्वयं भी खाओ और तंगहाल मुहताज को भी खिलाओ।"
ثُمَّ لْيَقْضُوا تَفَثَهُمْ وَلْيُوفُوا نُذُورَهُمْ وَلْيَطَّوَّفُوا بِالْبَيْتِ الْعَتِيقِ29
फिर उन्हें चाहिए कि अपना मैल-कुचैल दूर करें और अपनी मन्नतें पूरी करें और इस पुरातन घर का तवाफ़ (परिक्रमा) करें
ذَٰلِكَ وَمَنْ يُعَظِّمْ حُرُمَاتِ اللَّهِ فَهُوَ خَيْرٌ لَهُ عِنْدَ رَبِّهِ ۗ وَأُحِلَّتْ لَكُمُ الْأَنْعَامُ إِلَّا مَا يُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ ۖ فَاجْتَنِبُوا الرِّجْسَ مِنَ الْأَوْثَانِ وَاجْتَنِبُوا قَوْلَ الزُّورِ30
इन बातों का ध्यान रखों और जो कोई अल्लाह द्वारा निर्धारित मर्यादाओं का आदर करे, तो यह उसके रब के यहाँ उसी के लिए अच्छा है। और तुम्हारे लिए चौपाए हलाल है, सिवाय उनके जो तुम्हें बताए गए हैं। तो मूर्तियों की गन्दगी से बचो और बचो झूठी बातों से