अल-बक़रा
الْحَجُّ أَشْهُرٌ مَعْلُومَاتٌ ۚ فَمَنْ فَرَضَ فِيهِنَّ الْحَجَّ فَلَا رَفَثَ وَلَا فُسُوقَ وَلَا جِدَالَ فِي الْحَجِّ ۗ وَمَا تَفْعَلُوا مِنْ خَيْرٍ يَعْلَمْهُ اللَّهُ ۗ وَتَزَوَّدُوا فَإِنَّ خَيْرَ الزَّادِ التَّقْوَىٰ ۚ وَاتَّقُونِ يَا أُولِي الْأَلْبَابِ197
हज के महीने जाने-पहचाने और निश्चित हैं, तो जो इनमें हज करने का निश्चय करे, को हज में न तो काम-वासना की बातें हो सकती है और न अवज्ञा और न लड़ाई-झगड़े की कोई बात। और जो भलाई के काम भी तुम करोंगे अल्लाह उसे जानता होगा। और (ईश-भय) पाथेय ले लो, क्योंकि सबसे उत्तम पाथेय ईश-भय है। और ऐ बुद्धि और समझवालो! मेरा डर रखो
لَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ أَنْ تَبْتَغُوا فَضْلًا مِنْ رَبِّكُمْ ۚ فَإِذَا أَفَضْتُمْ مِنْ عَرَفَاتٍ فَاذْكُرُوا اللَّهَ عِنْدَ الْمَشْعَرِ الْحَرَامِ ۖ وَاذْكُرُوهُ كَمَا هَدَاكُمْ وَإِنْ كُنْتُمْ مِنْ قَبْلِهِ لَمِنَ الضَّالِّينَ198
इसमे तुम्हारे लिए कोई गुनाह नहीं कि अपने रब का अनुग्रह तलब करो। फिर जब तुम अरफ़ात से चलो तो 'मशअरे हराम' (मुज़दल्फ़ा) के निकट ठहरकर अल्लाह को याद करो, और उसे याद करो जैसाकि उसने तुम्हें बताया है, और इससे पहले तुम पथभ्रष्ट थे
ثُمَّ أَفِيضُوا مِنْ حَيْثُ أَفَاضَ النَّاسُ وَاسْتَغْفِرُوا اللَّهَ ۚ إِنَّ اللَّهَ غَفُورٌ رَحِيمٌ199
इसके पश्चात जहाँ से और सब लोग चलें, वहीं से तुम भी चलो, और अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करो। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
فَإِذَا قَضَيْتُمْ مَنَاسِكَكُمْ فَاذْكُرُوا اللَّهَ كَذِكْرِكُمْ آبَاءَكُمْ أَوْ أَشَدَّ ذِكْرًا ۗ فَمِنَ النَّاسِ مَنْ يَقُولُ رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا وَمَا لَهُ فِي الْآخِرَةِ مِنْ خَلَاقٍ200
फिर जब तुम अपनी हज सम्बन्धी रीतियों को पूरा कर चुको तो अल्लाह को याद करो जैसे अपने बाप-दादा को याद करते रहे हो, बल्कि उससे भी बढ़कर याद करो। फिर लोगों सें कोई तो ऐसा है जो कहता है, "हमारे रब! हमें दुनिया में दे दो।" ऐसी हालत में आख़िरत में उसका कोई हिस्सा नहीं
وَمِنْهُمْ مَنْ يَقُولُ رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ201
और उनमें कोई ऐसा है जो कहता है, "हमारे रब! हमें प्रदान कर दुनिया में भी अच्छी दशा और आख़िरत में भी अच्छा दशा, और हमें आग (जहन्नम) की यातना से बचा ले।"
أُولَـٰئِكَ لَهُمْ نَصِيبٌ مِمَّا كَسَبُوا ۚ وَاللَّهُ سَرِيعُ الْحِسَابِ202
ऐसे ही लोग है कि उन्होंने जो कुछ कमाया है उसकी जिन्स का हिस्सा उनके लिए नियत है। और अल्लाह जल्द ही हिसाब चुकानेवाला है