अश-शुअरा
مَا أَغْنَىٰ عَنْهُمْ مَا كَانُوا يُمَتَّعُونَ207
तो जो सुख उन्हें मिला होगा वह उनके कुछ काम न आएगा
وَمَا أَهْلَكْنَا مِنْ قَرْيَةٍ إِلَّا لَهَا مُنْذِرُونَ208
हमने किसी बस्ती को भी इसके बिना विनष्ट नहीं किया कि उसके लिए सचेत करनेवाले याददिहानी के लिए मौजूद रहे हैं।
ذِكْرَىٰ وَمَا كُنَّا ظَالِمِينَ209
हम कोई ज़ालिम नहीं है
وَمَا تَنَزَّلَتْ بِهِ الشَّيَاطِينُ210
इसे शैतान लेकर नहीं उतरे हैं।
وَمَا يَنْبَغِي لَهُمْ وَمَا يَسْتَطِيعُونَ211
न यह उन्हें फबता ही है और न ये उनके बस का ही है
إِنَّهُمْ عَنِ السَّمْعِ لَمَعْزُولُونَ212
वे तो इसके सुनने से भी दूर रखे गए है
فَلَا تَدْعُ مَعَ اللَّهِ إِلَـٰهًا آخَرَ فَتَكُونَ مِنَ الْمُعَذَّبِينَ213
अतः अल्लाह के साथ दूसरे इष्ट-पूज्य को न पुकारना, अन्यथा तुम्हें भी यातना दी जाएगी
وَأَنْذِرْ عَشِيرَتَكَ الْأَقْرَبِينَ214
और अपने निकटतम नातेदारों को सचेत करो
وَاخْفِضْ جَنَاحَكَ لِمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ215
और जो ईमानवाले तुम्हारे अनुयायी हो गए है, उनके लिए अपनी भुजाएँ बिछाए रखो
فَإِنْ عَصَوْكَ فَقُلْ إِنِّي بَرِيءٌ مِمَّا تَعْمَلُونَ216
किन्तु यदि वे तुम्हारी अवज्ञा करें तो कह दो, "जो कुछ तुम करते हो, उसकी ज़िम्मेदारी से मं1 बरी हूँ।"
وَتَوَكَّلْ عَلَى الْعَزِيزِ الرَّحِيمِ217
और उस प्रभुत्वशाली और दया करनेवाले पर भरोसा रखो
الَّذِي يَرَاكَ حِينَ تَقُومُ218
जो तुम्हें देख रहा होता है, जब तुम खड़े होते हो
وَتَقَلُّبَكَ فِي السَّاجِدِينَ219
और सजदा करनेवालों में तुम्हारे चलत-फिरत को भी वह देखता है
إِنَّهُ هُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ220
निस्संदेह वह भली-भाँति सुनता-जानता है
هَلْ أُنَبِّئُكُمْ عَلَىٰ مَنْ تَنَزَّلُ الشَّيَاطِينُ221
क्या मैं तुम्हें बताऊँ कि शैतान किसपर उतरते है?
تَنَزَّلُ عَلَىٰ كُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ222
वे प्रत्येक ढोंग रचनेवाले गुनाहगार पर उतरते है
يُلْقُونَ السَّمْعَ وَأَكْثَرُهُمْ كَاذِبُونَ223
वे कान लगाते है और उनमें से अधिकतर झूठे होते है
وَالشُّعَرَاءُ يَتَّبِعُهُمُ الْغَاوُونَ224
रहे कवि, तो उनके पीछे बहके हुए लोग ही चला करते है।-
أَلَمْ تَرَ أَنَّهُمْ فِي كُلِّ وَادٍ يَهِيمُونَ225
क्या तुमने देखा नहीं कि वे हर घाटी में बहके फिरते हैं,
وَأَنَّهُمْ يَقُولُونَ مَا لَا يَفْعَلُونَ226
और कहते वह है जो करते नहीं? -
إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَذَكَرُوا اللَّهَ كَثِيرًا وَانْتَصَرُوا مِنْ بَعْدِ مَا ظُلِمُوا ۗ وَسَيَعْلَمُ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَيَّ مُنْقَلَبٍ يَنْقَلِبُونَ227
वे नहीं जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और अल्लाह को अधिक .याद किया। औऱ इसके बाद कि उनपर ज़ुल्म किया गया तो उन्होंने उसका प्रतिकार किया और जिन लोगों ने ज़ुल्म किया, उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा कि वे किस जगह पलटते हैं