ग़ाफिर
هُوَ الَّذِي خَلَقَكُمْ مِنْ تُرَابٍ ثُمَّ مِنْ نُطْفَةٍ ثُمَّ مِنْ عَلَقَةٍ ثُمَّ يُخْرِجُكُمْ طِفْلًا ثُمَّ لِتَبْلُغُوا أَشُدَّكُمْ ثُمَّ لِتَكُونُوا شُيُوخًا ۚ وَمِنْكُمْ مَنْ يُتَوَفَّىٰ مِنْ قَبْلُ ۖ وَلِتَبْلُغُوا أَجَلًا مُسَمًّى وَلَعَلَّكُمْ تَعْقِلُونَ67
वही है जिसने तुम्हें मिट्टी से पैदा, फिर वीर्य से, फिर रक्त के लोथड़े से; फिर वह तुम्हें एक बच्चे के रूप में निकालता है, फिर (तुम्हें बढ़ाता है) ताकि अपनी प्रौढ़ता को प्राप्ति हो, फिर मुहलत देता है कि तुम बुढापे को पहुँचो - यद्यपि तुममें से कोई इससे पहले भी उठा लिया जाता है - और यह इसलिए करता है कि तुम एक नियत अवधि तक पहुँच जाओ और ऐसा इसलिए है कि तुम समझो
هُوَ الَّذِي يُحْيِي وَيُمِيتُ ۖ فَإِذَا قَضَىٰ أَمْرًا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُ كُنْ فَيَكُونُ68
वही है जो जीवन और मृत्यु देता है, और जब वह किसी काम का फ़ैसला करता है, तो उसके लिए बस कह देता है कि 'हो जा' तो वह हो जाता है
أَلَمْ تَرَ إِلَى الَّذِينَ يُجَادِلُونَ فِي آيَاتِ اللَّهِ أَنَّىٰ يُصْرَفُونَ69
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जो अल्लाह की आयतों के बारे में झगड़ते है, वे कहाँ फिरे जाते हैं?
الَّذِينَ كَذَّبُوا بِالْكِتَابِ وَبِمَا أَرْسَلْنَا بِهِ رُسُلَنَا ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ70
जिन लोगों ने किताब को झुठलाया और उसे भी जिसके साथ हमने अपने रसूलों को भेजा था। तो शीघ्र ही उन्हें मालूम हो जाएगा
إِذِ الْأَغْلَالُ فِي أَعْنَاقِهِمْ وَالسَّلَاسِلُ يُسْحَبُونَ71
जबकि तौक़ उनकी गरदनों में होंगे और ज़ंजीरें (उनके पैरों में)
فِي الْحَمِيمِ ثُمَّ فِي النَّارِ يُسْجَرُونَ72
वे खौलते हुए पानी में घसीटे जाएँगे, फिर आग में झोंक दिए जाएँगे
ثُمَّ قِيلَ لَهُمْ أَيْنَ مَا كُنْتُمْ تُشْرِكُونَ73
फिर उनसे कहा जाएगा, "कहाँ है वे जिन्हें प्रभुत्व में साझी ठहराकर तुम अल्लाह के सिवा पूजते थे?"
مِنْ دُونِ اللَّهِ ۖ قَالُوا ضَلُّوا عَنَّا بَلْ لَمْ نَكُنْ نَدْعُو مِنْ قَبْلُ شَيْئًا ۚ كَذَٰلِكَ يُضِلُّ اللَّهُ الْكَافِرِينَ74
वे कहेंगे, "वे हमसे गुम होकर रह गए, बल्कि हम इससे पहले किसी चीज़ को नहीं पुकारते थे।" इसी प्रकार अल्लाह इनकार करनेवालों को भटकता छोड़ देता है
ذَٰلِكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَفْرَحُونَ فِي الْأَرْضِ بِغَيْرِ الْحَقِّ وَبِمَا كُنْتُمْ تَمْرَحُونَ75
"यह इसलिए कि तुम धरती में नाहक़ मग्न थे और इसलिए कि तुम इतराते रहे हो
ادْخُلُوا أَبْوَابَ جَهَنَّمَ خَالِدِينَ فِيهَا ۖ فَبِئْسَ مَثْوَى الْمُتَكَبِّرِينَ76
प्रवेश करो जहन्नम के द्वारों में, उसमे सदैव रहने के लिए।" अतः बहुत ही बुरा ठिकाना है अहंकारियों का!
فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ ۚ فَإِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِي نَعِدُهُمْ أَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَيْنَا يُرْجَعُونَ77
अतः धैर्य से काम लो। निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है। तो जिस चीज़ की हम उन्हें धमकी दे रहे है उसमें से कुछ यदि हम तुम्हें दिखा दें या हम तुम्हे उठा लें, हर हाल में उन्हें लौटना तो हमारी ही ओर है