अल-मुल्क
فَلَمَّا رَأَوْهُ زُلْفَةً سِيئَتْ وُجُوهُ الَّذِينَ كَفَرُوا وَقِيلَ هَـٰذَا الَّذِي كُنْتُمْ بِهِ تَدَّعُونَ27
फिर जब वे उसे निकट देखेंगे तो उन लोगों के चेहरे बिगड़ जाएँगे जिन्होंने इनकार की नीति अपनाई; और कहा जाएगा, "यही है वह चीज़ जिसकी तुम माँग कर रहे थे।"
قُلْ أَرَأَيْتُمْ إِنْ أَهْلَكَنِيَ اللَّهُ وَمَنْ مَعِيَ أَوْ رَحِمَنَا فَمَنْ يُجِيرُ الْكَافِرِينَ مِنْ عَذَابٍ أَلِيمٍ28
कहो, "क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि अल्लाह मुझे और उन्हें भी, जो मेरे साथ है, विनष्ट ही कर दे या वह हम पर दया करे, आख़िर इनकार करनेवालों को दुखद यातना से कौन पनाह देगा?"
قُلْ هُوَ الرَّحْمَـٰنُ آمَنَّا بِهِ وَعَلَيْهِ تَوَكَّلْنَا ۖ فَسَتَعْلَمُونَ مَنْ هُوَ فِي ضَلَالٍ مُبِينٍ29
कह दो, "वह रहमान है। उसी पर हम ईमान लाए है और उसी पर हमने भरोसा किया। तो शीघ्र ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि खुली गुमराही में कौन पड़ा हुआ है।"
قُلْ أَرَأَيْتُمْ إِنْ أَصْبَحَ مَاؤُكُمْ غَوْرًا فَمَنْ يَأْتِيكُمْ بِمَاءٍ مَعِينٍ30
कहो, "क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि तुम्हारा पानी (धरती में) नीचे उतर जाए तो फिर कौन तुम्हें लाकर देगा निर्मल प्रवाहित जल?"
अल-क़लम
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
ن ۚ وَالْقَلَمِ وَمَا يَسْطُرُونَ1
नून॰। गवाह है क़लम और वह चीज़ जो वे लिखते है,
مَا أَنْتَ بِنِعْمَةِ رَبِّكَ بِمَجْنُونٍ2
तुम अपने रब की अनुकम्पा से कोई दीवाने नहीं हो
وَإِنَّ لَكَ لَأَجْرًا غَيْرَ مَمْنُونٍ3
निश्चय ही तुम्हारे लिए ऐसा प्रतिदान है जिसका क्रम कभी टूटनेवाला नहीं
وَإِنَّكَ لَعَلَىٰ خُلُقٍ عَظِيمٍ4
निस्संदेह तुम एक महान नैतिकता के शिखर पर हो
فَسَتُبْصِرُ وَيُبْصِرُونَ5
अतः शीघ्र ही तुम भी देख लोगे और वे भी देख लेंगे
بِأَيْيِكُمُ الْمَفْتُونُ6
कि तुममें से कौन विभ्रमित है
إِنَّ رَبَّكَ هُوَ أَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِيلِهِ وَهُوَ أَعْلَمُ بِالْمُهْتَدِينَ7
निस्संदेह तुम्हारा रब उसे भली-भाँति जानता है जो उसके मार्ग से भटक गया है, और वही उन लोगों को भी जानता है जो सीधे मार्ग पर हैं
فَلَا تُطِعِ الْمُكَذِّبِينَ8
अतः तुम झुठलानेवालों को कहना न मानना
وَدُّوا لَوْ تُدْهِنُ فَيُدْهِنُونَ9
वे चाहते है कि तुम ढीले पड़ो, इस कारण वे चिकनी-चुपड़ी बातें करते है
وَلَا تُطِعْ كُلَّ حَلَّافٍ مَهِينٍ10
तुम किसी भी ऐसे व्यक्ति की बात न मानना जो बहुत क़समें खानेवाला, हीन है,
هَمَّازٍ مَشَّاءٍ بِنَمِيمٍ11
कचोके लगाता, चुग़लियाँ खाता फिरता हैं,
مَنَّاعٍ لِلْخَيْرِ مُعْتَدٍ أَثِيمٍ12
भलाई से रोकता है, सीमा का उल्लंघन करनेवाला, हक़ मारनेवाला है,
عُتُلٍّ بَعْدَ ذَٰلِكَ زَنِيمٍ13
क्रूर है फिर अधम भी।
أَنْ كَانَ ذَا مَالٍ وَبَنِينَ14
इस कारण कि वह धन और बेटोंवाला है
إِذَا تُتْلَىٰ عَلَيْهِ آيَاتُنَا قَالَ أَسَاطِيرُ الْأَوَّلِينَ15
जब उसे हमारी आयतें सुनाई जाती है तो कहता है, "ये तो पहले लोगों की कहानियाँ हैं!"