अन-नहल
وَأَلْقَىٰ فِي الْأَرْضِ رَوَاسِيَ أَنْ تَمِيدَ بِكُمْ وَأَنْهَارًا وَسُبُلًا لَعَلَّكُمْ تَهْتَدُونَ15
और उसने धरती में अटल पहाड़ डाल दिए, कि वह तुम्हें लेकर झुक न पड़े। और नदियाँ बनाई और प्राकृतिक मार्ग बनाए, ताकि तुम मार्ग पा सको
وَعَلَامَاتٍ ۚ وَبِالنَّجْمِ هُمْ يَهْتَدُونَ16
और मार्ग चिन्ह भी बनाए और तारों के द्वारा भी लोग मार्ग पर लेते है
أَفَمَنْ يَخْلُقُ كَمَنْ لَا يَخْلُقُ ۗ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ17
फिर क्या जो पैदा करता है वह उस जैसा हो सकता है, जो पैदा नहीं करता? फिर क्या तुम्हें होश नहीं होता?
وَإِنْ تَعُدُّوا نِعْمَةَ اللَّهِ لَا تُحْصُوهَا ۗ إِنَّ اللَّهَ لَغَفُورٌ رَحِيمٌ18
और यदि तुम अल्लाह की नेमतों (कृपादानों) को गिनना चाहो तो उन्हें पूर्ण-रूप से गिन नहीं सकते। निस्संदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
وَاللَّهُ يَعْلَمُ مَا تُسِرُّونَ وَمَا تُعْلِنُونَ19
और अल्लाह जानता है जो कुछ तुम छिपाते हो और जो कुछ प्रकट करते हो
وَالَّذِينَ يَدْعُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ لَا يَخْلُقُونَ شَيْئًا وَهُمْ يُخْلَقُونَ20
और जिन्हें वे अल्लाह से हटकर पुकारते है वे किसी चीज़ को भी पैदा नहीं करते, बल्कि वे स्वयं पैदा किए जाते है
أَمْوَاتٌ غَيْرُ أَحْيَاءٍ ۖ وَمَا يَشْعُرُونَ أَيَّانَ يُبْعَثُونَ21
मृत है, जिनमें प्राण नहीं। उन्हें मालूम नहीं कि वे कब उठाए जाएँगे
إِلَـٰهُكُمْ إِلَـٰهٌ وَاحِدٌ ۚ فَالَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِالْآخِرَةِ قُلُوبُهُمْ مُنْكِرَةٌ وَهُمْ مُسْتَكْبِرُونَ22
तुम्हारा पूज्य-प्रभु अकेला प्रभु-पूज्य है। किन्तु जो आख़िरत में विश्वास नहीं रखते, उनके दिलों को इनकार है। वे अपने आपको बड़ा समझ रहे है
لَا جَرَمَ أَنَّ اللَّهَ يَعْلَمُ مَا يُسِرُّونَ وَمَا يُعْلِنُونَ ۚ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْمُسْتَكْبِرِينَ23
निश्चय ही अल्लाह भली-भाँति जानता है, जो कुछ वे छिपाते है और जो कुछ प्रकट करते है। उसे ऐसे लोग प्रिय नहीं, जो अपने आपको बड़ा समझते हो
وَإِذَا قِيلَ لَهُمْ مَاذَا أَنْزَلَ رَبُّكُمْ ۙ قَالُوا أَسَاطِيرُ الْأَوَّلِينَ24
और जब उनसे कहा जाता है कि "तुम्हारे रब ने क्या अवतरित किया है?" कहते है, "वे तो पहले लोगों की कहानियाँ है।"
لِيَحْمِلُوا أَوْزَارَهُمْ كَامِلَةً يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۙ وَمِنْ أَوْزَارِ الَّذِينَ يُضِلُّونَهُمْ بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗ أَلَا سَاءَ مَا يَزِرُونَ25
इसका परिणाम यह होगा कि वे क़ियामत के दिन अपने बोझ भी पूरे उठाएँगे और उनके बोझ में से भी जिन्हें वे अज्ञानता के कारण पथभ्रष्ट कर रहे है। सुन लो, बहुत ही बुरा है वह बोझ जो वे उठा रहे है!
قَدْ مَكَرَ الَّذِينَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَأَتَى اللَّهُ بُنْيَانَهُمْ مِنَ الْقَوَاعِدِ فَخَرَّ عَلَيْهِمُ السَّقْفُ مِنْ فَوْقِهِمْ وَأَتَاهُمُ الْعَذَابُ مِنْ حَيْثُ لَا يَشْعُرُونَ26
जो उनसे पहले गुज़र है वे भी मक्कारियाँ कर चुके है। फिर अल्लाह उनके भवन पर नीवों की ओर से आया और छत उनपर उनके ऊपर से आ गिरी और ऐसे रुख़ से उनपर यातना आई जिसका उन्हें एहसास तक न था