ता हा
وَأَنَا اخْتَرْتُكَ فَاسْتَمِعْ لِمَا يُوحَىٰ13
मैंने तुझे चुन लिया है। अतः सुन, जो कुछ प्रकाशना की जाती है
إِنَّنِي أَنَا اللَّهُ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا أَنَا فَاعْبُدْنِي وَأَقِمِ الصَّلَاةَ لِذِكْرِي14
निस्संदेह मैं ही अल्लाह हूँ। मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तू मेरी बन्दगी कर और मेरी याद के लिए नमाज़ क़ायम कर
إِنَّ السَّاعَةَ آتِيَةٌ أَكَادُ أُخْفِيهَا لِتُجْزَىٰ كُلُّ نَفْسٍ بِمَا تَسْعَىٰ15
निश्चय ही वह (क़ियामत की) घड़ी आनेवाली है - शीघ्र ही उसे लाऊँगा, उसे छिपाए रखता हूँ - ताकि प्रत्येक व्यक्ति जो प्रयास वह करता है, उसका बदला पाए
فَلَا يَصُدَّنَّكَ عَنْهَا مَنْ لَا يُؤْمِنُ بِهَا وَاتَّبَعَ هَوَاهُ فَتَرْدَىٰ16
अतः जो कोई उसपर ईमान नहीं लाता और अपनी वासना के पीछे पड़ा है, वह तुझे उससे रोक न दे, अन्यथा तू विनष्ट हो जाएगा
وَمَا تِلْكَ بِيَمِينِكَ يَا مُوسَىٰ17
और ऐ मूसा! यह तेरे दाहिने हाथ में क्या है?"
قَالَ هِيَ عَصَايَ أَتَوَكَّأُ عَلَيْهَا وَأَهُشُّ بِهَا عَلَىٰ غَنَمِي وَلِيَ فِيهَا مَآرِبُ أُخْرَىٰ18
उसने कहा, "यह मेरी लाठी है। मैं इसपर टेक लगाता हूँ और इससे अपनी बकरियों के लिए पत्ते झाड़ता हूँ और इससे मेरी दूसरी ज़रूरतें भी पूरी होती है।"
قَالَ أَلْقِهَا يَا مُوسَىٰ19
कहा, "डाल दे उसे, ऐ मूसा!"
فَأَلْقَاهَا فَإِذَا هِيَ حَيَّةٌ تَسْعَىٰ20
अतः उसने डाल दिया। सहसा क्या देखते है कि वह एक साँप है, जो दौड़ रहा है
قَالَ خُذْهَا وَلَا تَخَفْ ۖ سَنُعِيدُهَا سِيرَتَهَا الْأُولَىٰ21
कहा, "इसे पकड़ ले और डर मत। हम इसे इसकी पहली हालत पर लौटा देंगे
وَاضْمُمْ يَدَكَ إِلَىٰ جَنَاحِكَ تَخْرُجْ بَيْضَاءَ مِنْ غَيْرِ سُوءٍ آيَةً أُخْرَىٰ22
और अपने हाथ अपने बाज़ू की ओर समेट ले। वह बिना किसी ऐब के रौशन दूसरी निशानी के रूप में निकलेगा
لِنُرِيَكَ مِنْ آيَاتِنَا الْكُبْرَى23
इसलिए कि हम तुझे अपनी बड़ी निशानियाँ दिखाएँ
اذْهَبْ إِلَىٰ فِرْعَوْنَ إِنَّهُ طَغَىٰ24
तू फ़िरऔन के पास जा। वह बहुत सरकश हो गया है।"
قَالَ رَبِّ اشْرَحْ لِي صَدْرِي25
उसने निवेदन किया, "मेरे रब! मेरा सीना मेरे लिए खोल दे
وَيَسِّرْ لِي أَمْرِي26
और मेरे काम को मेरे लिए आसान कर दे
وَاحْلُلْ عُقْدَةً مِنْ لِسَانِي27
और मेरी ज़बान की गिरह खोल दे।
يَفْقَهُوا قَوْلِي28
कि वे मेरी बात समझ सकें
وَاجْعَلْ لِي وَزِيرًا مِنْ أَهْلِي29
और मेरे लिए अपने घरवालों में से एक सहायक नियुक्त कर दें,
هَارُونَ أَخِي30
हारून को, जो मेरा भाई है
اشْدُدْ بِهِ أَزْرِي31
उसके द्वारा मेरी कमर मज़बूत कर
وَأَشْرِكْهُ فِي أَمْرِي32
और उसे मेरे काम में शरीक कर दें,
كَيْ نُسَبِّحَكَ كَثِيرًا33
कि हम अधिक से अधिक तेरी तसबीह करें
وَنَذْكُرَكَ كَثِيرًا34
और तुझे ख़ूब याद करें
إِنَّكَ كُنْتَ بِنَا بَصِيرًا35
निश्चय ही तू हमें खूब देख रहा है।"
قَالَ قَدْ أُوتِيتَ سُؤْلَكَ يَا مُوسَىٰ36
कहा, "दिया गया तुझे जो तूने माँगा, ऐ मूसा!
وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَيْكَ مَرَّةً أُخْرَىٰ37
हम तो तुझपर एक बार और भी उपकार कर चुके है