अद-दुखान
إِنَّ يَوْمَ الْفَصْلِ مِيقَاتُهُمْ أَجْمَعِينَ40
निश्चय ही फ़ैसले का दिन उन सबका नियत समय है,
يَوْمَ لَا يُغْنِي مَوْلًى عَنْ مَوْلًى شَيْئًا وَلَا هُمْ يُنْصَرُونَ41
जिस दिन कोई अपना किसी अपने के कुछ काम न आएगा और न कोई सहायता पहुँचेगी,
إِلَّا مَنْ رَحِمَ اللَّهُ ۚ إِنَّهُ هُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ42
सिवाय उस व्यक्ति के जिसपर अल्लाह दया करे। निश्चय ही वह प्रभुत्वशाली, अत्यन्त दयावान है
إِنَّ شَجَرَتَ الزَّقُّومِ43
निस्संदेह ज़क़्क़ूम का वृक्ष
طَعَامُ الْأَثِيمِ44
गुनहगार का भोजन होगा,
كَالْمُهْلِ يَغْلِي فِي الْبُطُونِ45
तेल की तलछट जैसा, वह पेटों में खौलता होगा,
كَغَلْيِ الْحَمِيمِ46
जैसे गर्म पानी खौलता है
خُذُوهُ فَاعْتِلُوهُ إِلَىٰ سَوَاءِ الْجَحِيمِ47
"पकड़ो उसे, और भड़कती हुई आग के बीच तक घसीट ले जाओ,
ثُمَّ صُبُّوا فَوْقَ رَأْسِهِ مِنْ عَذَابِ الْحَمِيمِ48
फिर उसके सिर पर खौलते हुए पानी का यातना उंडेल दो!"
ذُقْ إِنَّكَ أَنْتَ الْعَزِيزُ الْكَرِيمُ49
"मज़ा चख, तू तो बड़ा बलशाली, सज्जन और आदरणीय है!
إِنَّ هَـٰذَا مَا كُنْتُمْ بِهِ تَمْتَرُونَ50
यही तो है जिसके विषय में तुम संदेह करते थे।"
إِنَّ الْمُتَّقِينَ فِي مَقَامٍ أَمِينٍ51
निस्संदेह डर रखनेवाले निश्चिन्तता की जगह होंगे,
فِي جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ52
बाग़ों और स्रोतों में
يَلْبَسُونَ مِنْ سُنْدُسٍ وَإِسْتَبْرَقٍ مُتَقَابِلِينَ53
बारीक और गाढ़े रेशम के वस्त्र पहने हुए, एक-दूसरे के आमने-सामने उपस्थित होंगे
كَذَٰلِكَ وَزَوَّجْنَاهُمْ بِحُورٍ عِينٍ54
ऐसा ही उनके साथ मामला होगा। और हम साफ़ गोरी, बड़ी नेत्रोवाली स्त्रियों से उनका विवाह कर देंगे
يَدْعُونَ فِيهَا بِكُلِّ فَاكِهَةٍ آمِنِينَ55
वे वहाँ निश्चिन्तता के साथ हर प्रकार के स्वादिष्ट फल मँगवाते होंगे
لَا يَذُوقُونَ فِيهَا الْمَوْتَ إِلَّا الْمَوْتَةَ الْأُولَىٰ ۖ وَوَقَاهُمْ عَذَابَ الْجَحِيمِ56
वहाँ वे मृत्यु का मज़ा कभी न चखेगे। बस पहली मृत्यु जो हुई, सो हुई। और उसने उन्हें भड़कती हुई आग की यातना से बचा लिया
فَضْلًا مِنْ رَبِّكَ ۚ ذَٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ57
यह सब तुम्हारे रब के विशेष उदार अनुग्रह के कारण होगा, वही बड़ी सफलता है
فَإِنَّمَا يَسَّرْنَاهُ بِلِسَانِكَ لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُونَ58
हमने तो इस (क़ुरआन) को बस तुम्हारी भाषा में सहज एवं सुगम बना दिया है ताकि वे याददिहानी प्राप्त (करें
فَارْتَقِبْ إِنَّهُمْ مُرْتَقِبُونَ59
अच्छा तुम भी प्रतीक्षा करो, वे भी प्रतीक्षा में हैं