अस-साफ्फ़ात
مَا لَكُمْ كَيْفَ تَحْكُمُونَ154
तुम्हें क्या हो गया है? तुम कैसा फ़ैसला करते हो?
أَفَلَا تَذَكَّرُونَ155
तो क्या तुम होश से काम नहीं लेते?
أَمْ لَكُمْ سُلْطَانٌ مُبِينٌ156
क्या तुम्हारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण है?
فَأْتُوا بِكِتَابِكُمْ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ157
तो लाओ अपनी किताब, यदि तुम सच्चे हो
وَجَعَلُوا بَيْنَهُ وَبَيْنَ الْجِنَّةِ نَسَبًا ۚ وَلَقَدْ عَلِمَتِ الْجِنَّةُ إِنَّهُمْ لَمُحْضَرُونَ158
उन्होंने अल्लाह और जिन्नों के बीच नाता जोड़ रखा है, हालाँकि जिन्नों को भली-भाँति मालूम है कि वे अवश्य पकड़कर हाज़िर किए जाएँगे-
سُبْحَانَ اللَّهِ عَمَّا يَصِفُونَ159
महान और उच्च है अल्लाह उससे, जो वे बयान करते है। -
إِلَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ160
अल्लाह के उन बन्दों की बात और है, जिन्हें उसने चुन लिया
فَإِنَّكُمْ وَمَا تَعْبُدُونَ161
अतः तुम और जिनको तुम पूजते हो वे,
مَا أَنْتُمْ عَلَيْهِ بِفَاتِنِينَ162
तुम सब अल्लाह के विरुद्ध किसी को बहका नहीं सकते,
إِلَّا مَنْ هُوَ صَالِ الْجَحِيمِ163
सिवाय उसके जो जहन्नम की भड़कती आग में पड़ने ही वाला हो
وَمَا مِنَّا إِلَّا لَهُ مَقَامٌ مَعْلُومٌ164
और हमारी ओर से उसके लिए अनिवार्यतः एक ज्ञात और नियत स्थान है
وَإِنَّا لَنَحْنُ الصَّافُّونَ165
और हम ही पंक्तिबद्ध करते है।
وَإِنَّا لَنَحْنُ الْمُسَبِّحُونَ166
और हम ही महानता बयान करते है
وَإِنْ كَانُوا لَيَقُولُونَ167
वे तो कहा करते थे,
لَوْ أَنَّ عِنْدَنَا ذِكْرًا مِنَ الْأَوَّلِينَ168
"यदि हमारे पास पिछलों की कोई शिक्षा होती
لَكُنَّا عِبَادَ اللَّهِ الْمُخْلَصِينَ169
तो हम अल्लाह के चुने हुए बन्दे होते।"
فَكَفَرُوا بِهِ ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ170
किन्तु उन्होंने इनकार कर दिया, तो अब जल्द ही वे जान लेंगे
وَلَقَدْ سَبَقَتْ كَلِمَتُنَا لِعِبَادِنَا الْمُرْسَلِينَ171
और हमारे अपने उन बन्दों के हक़ में, जो रसूल बनाकर भेजे गए, हमारी बात पहले ही निश्चित हो चुकी है
إِنَّهُمْ لَهُمُ الْمَنْصُورُونَ172
कि निश्चय ही उन्हीं की सहायता की जाएगी।
وَإِنَّ جُنْدَنَا لَهُمُ الْغَالِبُونَ173
और निश्चय ही हमारी सेना ही प्रभावी रहेगी
فَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّىٰ حِينٍ174
अतः एक अवधि तक के लिए उनसे रुख़ फेर लो
وَأَبْصِرْهُمْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ175
और उन्हें देखते रहो। वे भी जल्द ही (अपना परिणाम) देख लेंगे
أَفَبِعَذَابِنَا يَسْتَعْجِلُونَ176
क्या वे हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे हैं?
فَإِذَا نَزَلَ بِسَاحَتِهِمْ فَسَاءَ صَبَاحُ الْمُنْذَرِينَ177
तो जब वह उनके आँगन में उतरेगी तो बड़ी ही बुरी सुबह होगी उन लोगों की, जिन्हें सचेत किया जा चुका है!
وَتَوَلَّ عَنْهُمْ حَتَّىٰ حِينٍ178
एक अवधि तक के लिए उनसे रुख़ फेर लो
وَأَبْصِرْ فَسَوْفَ يُبْصِرُونَ179
और देखते रहो, वे जल्द ही देख लेंगे
سُبْحَانَ رَبِّكَ رَبِّ الْعِزَّةِ عَمَّا يَصِفُونَ180
महान और उच्च है तुम्हारा रब, प्रताप का स्वामी, उन बातों से जो वे बताते है!
وَسَلَامٌ عَلَى الْمُرْسَلِينَ181
और सलाम है रसूलों पर;
وَالْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ182
औऱ सब प्रशंसा अल्लाह, सारे संसार के रब के लिए है