بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
إِذَا زُلْزِلَتِ الْأَرْضُ زِلْزَالَهَا1
जब धरती इस प्रकार हिला डाली जाएगी जैसा उसे हिलाया जाना है,
وَأَخْرَجَتِ الْأَرْضُ أَثْقَالَهَا2
और धरती अपने बोझ बाहर निकाल देगी,
وَقَالَ الْإِنْسَانُ مَا لَهَا3
और मनुष्य कहेगा, "उसे क्या हो गया है?"
يَوْمَئِذٍ تُحَدِّثُ أَخْبَارَهَا4
उस दिन वह अपना वृत्तांत सुनाएगी,
بِأَنَّ رَبَّكَ أَوْحَىٰ لَهَا5
इस कारण कि तुम्हारे रब ने उसे यही संकेत किया होगा
يَوْمَئِذٍ يَصْدُرُ النَّاسُ أَشْتَاتًا لِيُرَوْا أَعْمَالَهُمْ6
उस दिन लोग अलग-अलग निकलेंगे, ताकि उन्हें कर्म दिखाए जाएँ
فَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ7
अतः जो कोई कणभर भी नेकी करेगा, वह उसे देख लेगा,
وَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ8
और जो कोई कणभर भी बुराई करेगा, वह भी उसे देख लेगा