بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
وَيْلٌ لِكُلِّ هُمَزَةٍ لُمَزَةٍ1
तबाही है हर कचो के लगानेवाले, ऐब निकालनेवाले के लिए,
الَّذِي جَمَعَ مَالًا وَعَدَّدَهُ2
जो माल इकट्ठा करता और उसे गिनता रहा
يَحْسَبُ أَنَّ مَالَهُ أَخْلَدَهُ3
समझता है कि उसके माल ने उसे अमर कर दिया
كَلَّا ۖ لَيُنْبَذَنَّ فِي الْحُطَمَةِ4
कदापि नहीं, वह चूर-चूर कर देनेवाली में फेंक दिया जाएगा,
وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْحُطَمَةُ5
और तुम्हें क्या मालूम कि वह चूर-चूर कर देनेवाली क्या है?
نَارُ اللَّهِ الْمُوقَدَةُ6
वह अल्लाह की दहकाई हुई आग है,
الَّتِي تَطَّلِعُ عَلَى الْأَفْئِدَةِ7
जो झाँक लेती है दिलों को
إِنَّهَا عَلَيْهِمْ مُؤْصَدَةٌ8
वह उनपर ढाँककर बन्द कर दी गई होगी,
فِي عَمَدٍ مُمَدَّدَةٍ9
लम्बे-लम्बे स्तम्भों में