بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
إِذَا جَاءَ نَصْرُ اللَّهِ وَالْفَتْحُ1
जब अल्लाह की सहायता आ जाए और विजय प्राप्त हो,
وَرَأَيْتَ النَّاسَ يَدْخُلُونَ فِي دِينِ اللَّهِ أَفْوَاجًا2
और तुम लोगों को देखो कि वे अल्लाह के दीन (धर्म) में गिरोह के गिरोह प्रवेश कर रहे है,
فَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ وَاسْتَغْفِرْهُ ۚ إِنَّهُ كَانَ تَوَّابًا3
तो अपने रब की प्रशंसा करो और उससे क्षमा चाहो। निस्संदेह वह बड़ा तौबा क़बूल करनेवाला है