بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
وَالْعَادِيَاتِ ضَبْحًا1
साक्षी है जो हाँफते-फुँकार मारते हुए दौड़ते है,
فَالْمُورِيَاتِ قَدْحًا2
फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते है,
فَالْمُغِيرَاتِ صُبْحًا3
फिर सुबह सवेरे धावा मारते होते है,
فَأَثَرْنَ بِهِ نَقْعًا4
उसमें उठाया उन्होंने गर्द-गुबार
فَوَسَطْنَ بِهِ جَمْعًا5
और इसी हाल में वे दल में जा घुसे
إِنَّ الْإِنْسَانَ لِرَبِّهِ لَكَنُودٌ6
निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ हैं,
وَإِنَّهُ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٌ7
और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है!
وَإِنَّهُ لِحُبِّ الْخَيْرِ لَشَدِيدٌ8
और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है
أَفَلَا يَعْلَمُ إِذَا بُعْثِرَ مَا فِي الْقُبُورِ9
तो क्या वह जानता नहीं जब उगवला लिया जाएगा तो क़ब्रों में है
وَحُصِّلَ مَا فِي الصُّدُورِ10
और स्पष्ट अनावृत्त कर दिया जाएगा तो कुछ सीनों में है
إِنَّ رَبَّهُمْ بِهِمْ يَوْمَئِذٍ لَخَبِيرٌ11
निस्संदेह उनका रब उस दिन उनकी पूरी ख़बर रखता होगा