بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
وَالْعَصْرِ1
गवाह है गुज़रता समय,
إِنَّ الْإِنْسَانَ لَفِي خُسْرٍ2
कि वास्तव में मनुष्य घाटे में है,
إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ3
सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और अच्छे कर्म किए और एक-दूसरे को हक़ की ताकीद की, और एक-दूसरे को धैर्य की ताकीद की